आप सभी को मेरा नमस्कार । आज काफी दिन बाद कोई लेख लिख रहा हू । आजकल समाचार पुत्रों और न्यूज टीवी चैनलों पर दो खबरें प्रमुखता से चलाई जा रही है । एक खबर आपके अंदर डर और नकारात्मकता का माहौल बनाकर रख देगी जबकि दूसरी खबर आपको जीवन की गहराई और जीवन के असली रंगो से आपका परिचय कराएगी । यहां पर हम बुराडी (दिल्ली ) मे हुई 11 लोगों की हत्या /आत्महत्या (यहाँ पर मै दोनो शब्दो का प्रयोग इसलिए कर रहा हू क्युकि अभी यह साफ नही हो पाया है कि यह हत्या है या आत्महत्या ) और थाइलैंड मे जिंदगी और मौत की जंग जीतकर आने वाले 12 खिलाड़ियों और उनके एक कोच के बारे मे बात कर रहे है । 23 जून को कुछ खिलाडी और उनका कोच बारिश से बचने के लिए एक गुफा के अंदर शरण लेते है । वो लोग इस बात से अंजान रहते है कि वो जिस गुफा मे प्रवेश करने जा रहे है वह थाइलैंड की सबसे गहरी ,सबसे लंबी और सबसे खतरनाक गुफा है । थाइलैंड सरकार के नियमो के मुताबिक जुलाई से नवंबर के बीच इस गुफा के पास जाना खतरे से खाली नही रहता है । इस खतरे से अंजान ये बच्चे और कोच बारिश से बचने के लिए गुफा के अंदर शरण लेते है और गुफा के अंदर गहरी खाई और उसमें फंसे बाढ के पानी के बीच फंस जाते है । गुफा मे फंसे इन बच्चो और इनके कोच का बाहरी दुनिया से संपर्क कट जाता है । जब इन बच्चो के परिजन तलाश करते हुए गुफा के पास आते है तो गुफा के बाहर इन बच्चो की खडी हुई साइकिल देखकर बच्चो के अंदर होने का अनुमान लगाते है । बस फिर क्या था ,उसके बाद थाइलैंड की पूरी की पूरी सरकारी मिशनरी इन बच्चो और उनके कोच को बाहर निकालने के काम मे लग जाती है । थाइलैंड सरकार के विशेष आग्रह पर इंगलैंड से आए हुए ब्रिटिश गोताखोर इन बच्चो और उनके कोच तक गुफा के अंदर पहुचते है और इन सबकी सलामती की सूचना बाहरी दुनिया और इनके परिजनों तक पहुंचाते है । सोचने वाली बात यह है कि ये सभी 13 लोग जिसमे अधिकतर बच्चे थे और जिनकी उम्र 11 से 16 वर्ष के बीच मे थी इतनी गहरी खाई और गुफा के अंदर बिना संसाधनों के इतने दिन तक कैसे जीवित रहे । गुफा के अंदर पानी का स्तर बढने से आक्सीजन की मात्रा लगातार धीरे धीरे कम होती जा रही थी । हालांकि ताजा जानकारी के मुताबिक सभी 13 सदस्य पूरी तरह सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए है । 8 देशों की सरकार और उनका सरकारी तंत्र इन 13 जिंदगीयो को बचाने के लिए थाइलैंड की सरकार के साथ कदम से कदम मिलाए खडा था । जिन लोगों को चाहे वो थाइलैंड मे हो या दुनिया के किसी अन्य देश मे जब इन बच्चो के बारे मे पता चला तो वो सभी लोग अपनी अपनी तरह से इनकी सलामती के लिए दुआएं मांगने लग गए। अभी पूरी दुनिया इनके साथ है लेकिन जो आठ दस दिन इन सभी ने गुफा के अंदर बिना खाए पीए गुजारे वो सच मे काबिले तारीफ बात है । जिस स्थिति मे इन्होंने एक दूसरे की हौसला अफजाई की ,एक दूसरे का ढाढ़स बंधाया वह सच मे सलाम इन सबको नमन करने वाली बात है । अगर हम अपनी मदद खुद करने के लिए तैयार है तो सारी कायनात और सारी प्रकृति आपकी मदद करने के लिए तैयार हो जाती है । आपकी दृढ इच्छा शक्ति और आपका आत्म विश्वास ही ऊपर वाले को आपकी मदद करनेके लिए बाध्य कर देता है । बस इन बच्चो और उनके कोच के साथ भी वही हुआ । गुफा के अंदर सिर्फ पानी पीकर ही इन लोगो ने अपना गुजारा किया और अपने आपको जीवित रखा । भविष्य के गर्त मे क्या छिपा हुआ है यह कोई नही जानता परंतु इतना अवश्य है कि हौंसले,आत्मविश्वास और हिम्मत की विजय का जो पाठ इन सभी ने हमे पढाया है वह आपको दुनिया की कोई भी पाठशाला या दुनिया का कोई भी विश्वविधालय नही सिखा सकता । अब बात करते है दूसरी खबर की जो पूरी तरह नकारात्मकता से भरी हुई है । दिल्ली के बुराडी इलाके मे एक ही परिवार के 11 सदस्य अचानक मृत पाए गए। परत दर परत उठती खबरों से कुछ लोग इसे साजिशन हत्या तो कुछ इसे सामुहिक आत्महत्या बता रहे है । कुछ लोग इसे अंधविश्वास तो कुछ इसे तांत्रिक क्रियाओ की कारसतानी बता रहे है । पर जो कुछ भी है यह मामला पूरी तरह से नकारात्मकता से भरा हुआ है । अगर इसे सामुहिक आत्महत्या माने तब भी यह नकारात्मकता और गिरते मानसिक स्तर का प्रमाण है और अगर यह हत्या है तब भी यह नकारात्मकता और इंसान के दिमाग मे आए विचारों मे भरी हुई गंदगी का जीता जागता उदाहरण है । खैर सच्चाई जो भी हो यह तो जांच पूरी होने पर ही पता लग पाएगा कि असली माजरा क्या है ? क्युकि जिस तरह की खबरें आ रही है उसमें कडी दर कडी मामला और मामले की जाँच उलझती जा रही है । वैसे भी इन दोनो घटनाओं का आकलन और विशलेषण करे तो यह बात सामने पता लगती है कि आदमी जब अपनी मदद करने के लिए खुद तैयार न हो तो कोई भी उसकी मदद नही कर सकता । भारत के लोगो की एक आम और सामान्य सोच है कि हम हर समस्या के लिए इसका दोषी हमारी किस्मत और हमारे गृहों की खराब दशा को दोषी ठहराकर इसका ठीकरा ऊपरवाले पर ठोक देते है । हम लोग हर समस्या के लिए short cut solution ढूढते है और फिर इस short cut solution के लिए हम पौंगा पंडितों ,तांत्रिको ,मुल्ला मौलवियो और अपने शरीर मे दैवीय शक्ति होने का दावा करने वाले सिर हिलाने वाले लोगो के झांसे मे आकर अपना समय ,अपना पैसा और अपना परिवार बर्बाद करने की राह पर चल देते है । आजकल ऐसे लोग अपनी दुकानदारी जमाने के लिए आपको आसानी से हर जगह पर मिल जाऐगे । सोशल मीडिया ने इन लोगो की दुकानदारी चलाने के लिए बडी भूमिका अदा की है । you tube,Facebook और what's app पर ऐसे बाबा ,पंडित ,मौलवी आपको आसानी से मिल जाऐगे ।और अगर एक बार आप इनके चक्कर मे फस गए तो यह अपनी चक्रव्यूह की रचना मे आपको इस प्रकार फंसा कर रख देंगे कि आप चाहकर भी इनसे पीछा नही छुड़ा पाओगे । हमारे देश मे काफी घर इन्ही फर्जी बाबाओं,फर्जी तांत्रिको और फर्जी मुल्ला मौलवियो की वजह से बर्बाद हो रहे है । हम जैसे मूर्खो के चक्कर मे इनकी दुकानदारी दिन दुगनी और रात चौगनी वृद्धि कर रही है । अब चाहे वो राम रहीम हो या रामपाल या राधे मां या कोई अन्य मुल्ला मौलवी । ये और इन जैसे तमाम लोग ऐसे ठग है कि जिन्होंने अपनी लीलाओं का चक्रव्यूह और अपनी बातों का मकडजाल बनाकर लोगों को फासने का अच्छा खासा व्यवसाय बना रखा है । धूर्त ये लोग नही है जो हमे लूट रहे है बल्कि मूर्ख तो हम है जो इन लोगो की बातो के चक्कर मे आकर अपना धन,अपना समय और अपना परिवार बर्बाद कर रहे है । जिन लोगो को शास्त्रों और वेदों का ज्ञान भी नही है वो लोग हल्की फुल्की ज्योतिष सीखकर लोगो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ करके लाखो रूपये कमा रहे है । किसी ने सच ही कहा है कि दुनिया मे जब तक मूर्ख आदमी जिंदा है बुद्धिमान लोग भूखा नही मर सकते । और जब आप एक बार इनके चक्कर मे फस गए तो आप इनके जाल मे से आसानी से बाहर नही निकल सकते । ऐसे फर्जी बाबा ,फर्जी तांत्रिक ,फर्जी मुल्ला मौलवी आपको हर शहर मे बडी आसानी से मिल जाऐगे और अपने ग्राहको को फसाने के लिए इन्होंने एजेंटगिरी का तगडा जाल बिछा रखा है । अब हम बात करते है उन लोगो की जो यह दावा करते है कि उनके शरीर मे फलाना देवी ,फलाना देवता ये फलाना पीर पैगंबर आते है । पहली बात तो इन लोगो ने इन देवी देवताओं और इन पीर पैगंबरो को क्या अपना गुलाम समझ रखा है कि जो ये जब चाहेंगे तब उनके शरीर मे आ जाऐगे । पूरा ब्रहमांड प्रकृति के नियमों के हिसाब से काम करता है और साक्षात विधाता भी प्रकृति के नियमों से ऊपर नही जा सकते है । शास्त्र कहते है कि संतोषी सदा सुखी । अगर आप अपने परिवार और अपनी आय से खुश है तो आपसे ज्यादा खुशहाल वयकति दुनिया मे दूसरा कोई नही हो सकता । लेकिन अगर आपने अपनी तुलना दूसरो से शुरू की तो वही आपके अंदर लालच आ जाएगा और आगे जाकर यही लालच इंसान के सर्वनाश का कारण बनता है । इंसान का बढता हुआ लालच कुत्ते के मुँह पर लगे उस खून की तरह है कि अगर कुते के मुँह पर एक बार खून लग जाए तो फिर उसे कही से और कैसे भी हर वक्त खून ही चाहिए रहता है और फिर वह कुत्ता फिर हमेशा उस खून की ( इंसानी लालच) तलाश मे रहता है ।उसी प्रकार जब किसी इंसान के मन मे एक बार लालच जाग जाता है तो इंसान उस लालच को पूरा करने के चक्कर मे नीति अनीति ,सही गलत का आंकलन करना भूल जाता है । आजके भागम-भाग वाले माहौल मे संयुक्त परिवार न के बराबर है और जो बचे खुचे एकल परिवार है वहाँ पर जीवन की शिक्षा दीक्षा और जीवन के यथार्थ की सच्चाईयो का अनुभव कराने वाला कोई नही है । न हमको संघर्ष करना सिखाया जाता है और न ही संघर्ष को सहने की शक्ति अपने अंदर जागृत करने की शिक्षा हमे सिखाई जाती है । आज की शिक्षा व्यवस्था या आजका परिवेश ऐसा है कि जहा पर हमे बडा आदमी बनना या बडा पैसे वाला बनना सिखाया जाता है । और ऐसा करने के चक्कर मे हम सही गलत का आंकलन करना भूल जाते है ।और काल चक्र (समय की गति ) के हिसाब से जब हमारा बुरा दौर आता है तो हम उस बुरे दौर का सामना करने मे असमर्थ हो जाते है । क्युकि जिंदगी की शिक्षा या जिंदगी का अनुभव आपको किसी स्कूल या विश्वविधालय मे नही मिलती है यह शिक्षा आपको कुदरत अपने आप सिखाकर चली जाती है । अब देखना यह है कि कुदरत की इस परीक्षा मे कौन पास होता है और कौन फेल । बस फिर क्या इस बुरे समय से बचने के लिए हम पौंगा पंडितों,फर्जी तांत्रिको और फर्जी मुल्ला मौलवियो के चक्कर मे फस जाते है और इनका सहारा लेकर हम अपने और परिवार का निर्णय इनके हिसाब से चलाते है । प्रकृति का नियम है कि बुरे समय मे आपकी परछाई भी आपका साथ छोड देती है ,हर कोई साथ छोड देता है फिर यह लोग आपको सही रास्ता दिखाएँगे इस बात की क्या गारंटी है । बुरे समय मे आपके कर्म,ऊपर वाले के ऊपर आपका विश्वास और आपकी आध्यात्मिक शक्ति ही आपकी मदद करेगी । जरूरत है तो अपने अंदर छिपी हुई उस शक्ति को पहचानकर उस शक्ति को जागृत करने की । जो इस शक्ति को पहचान कर जागृत कर लेता है वह जीवन की जंग जीत लेता है और जो इस शक्ति को नही पहचान पाता है वह दिल्ली का बुराडी जैसा कांड कर बैठता है । एक बात हमेशा याद रखो कि आपके परिवार को आपसे ज्यादा प्यार और स्नेह दुनिया मे और कोई नही कर सकता । इसलिए अपने परिवार को ऐसे छल कपटी लोगो के बहकावे मे आकर बरबाद करने से पहले हजार बार सोचो । ऊपरवाला हर किसी को समर्थ बनाकर भेजता है लेकिन कुछ लोग ही उस समर्थता को सिद्ध करके उसका उपयोग कर पाते है । बाकि इस भावनात्मक मुद्दे पर जितने पन्ने लिखे जाए या जितना लिखा जाए उतना ही कम है । एक बात हमेशा याद रखो कि अगर आज दुख है तो कल सुख होगा और अगर आज सुख है तो कल दुख होगा । जिस प्रकार घड़ी की सूई हमेशा एक जगह नही रहती उसी प्रकार समय भी एक सा नही रहता है । परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है । प्रकृति पुरस्कार या दंड देते समय कभी भी किसी के साथ पक्षपात नही करता । इसलिए अपनी सूझ बूझ और बुद्धि विवेक का उपयोग करो क्युकि एक बार समय निकलने के बाद दुनिया की कोई दौलत उस समय को वापस नही ला सकती ।
इसलिए हमेशा खुश रहो मुस्कुराते रहो ।
बाकि आप सब समझदार है ।
मेरा देश महान
जय हिन्द
हेमन्त कुमार शर्मा
इसलिए हमेशा खुश रहो मुस्कुराते रहो ।
बाकि आप सब समझदार है ।
मेरा देश महान
जय हिन्द
हेमन्त कुमार शर्मा