हनुमान चालीसा के उपाय
श्री
हनुमानजी को मनाने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और चमत्कारी उपाय है
श्रीहनुमान चालीसा का पाठ। हनुमान चालीसा बहुत ही सरल और मन को शांति प्रदान करने
वाली है।
जो
लोग धन अभाव से ग्रस्त हैं या घर-परिवार में परेशानियां चल रही हैं या ऑफिस में
बॉस और सहयोगियों से रिश्ते बिगड़े हुए हैं या समाज में सम्मान नहीं मिल रहा है या
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हैं तो इन्हें दूर करने के लिए हनुमान चालीसा का ये
उपाय श्रेष्ठ मार्ग है।
जो
लोग मस्तिष्क से संबंधित कार्य में लगे रहते हैं और मानसिक तनाव का सामना करते हैं
या जिनका दिमाग अन्य लोगों की अपेक्षा तेज नहीं चलता है तो सोने से पहले हनुमान
चालीसा का जप करें। आप पूरी हनुमान चालीसा का जप नहीं कर सकते हैं
तो
इन पंक्तियों का जप करें...
बुद्धिहीन
तनु जानिके सुमिरो पवन कुमार। बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरेहू कलेश विकार।
पंक्ति
में हनुमानजी से यही प्रार्थना की गई है कि हे प्रभु मैं खुद को बुद्धि हीन मानकर
आपका ध्यान करता हूं। कृपा करें और मुझे शक्ति, बुद्धि, विद्या दीजिए। मेरे सभी कष्ट-क्लेश दूर
कीजिए।
श्री
हनुमान चालीसा सुन भी सकते हैं या जप कर सकते हैं। जब आपका मन हो आप आसानी से
मोबाइल की मदद से हनुमान चालीसा सुन सकते हैं।
जिन
लोगों को बुरे सपने आते हैं, नींद
में डर जाते हैं उन्हें सोने से पहले इन पंक्तियों का जप करना चाहिए...
भूत-पिशाच
निकट नहीं आवे। महाबीर जब नाम सुनावे।
पंक्ति
के माध्यम से भक्त द्वारा श्री हनुमानजी से भूत-पिशाच आदि के डर से मुक्ति दिलाने
की प्रार्थना की जाती है। जो भी व्यक्ति इस पंक्ति का जप करता है उसे न तो बुरे
सपने आते हैं और न ही कोई भय सताता है। यदि कोई व्यक्ति भयंकर बीमारी से ग्रस्त है
तो उसे सोने से पहले इस पंक्ति का जप करना चाहिए..
नासे
रोग हरे सब पीरा। जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।
पंक्ति
से हम बजरंग बली से सभी प्रकार रोगों और पीड़ाओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते
हैं। जो भी बीमार व्यक्ति इन पंक्तियों का जप करके सोता है उसकी बीमारी जल्दी ठीक
हो जाती है।
यदि
कोई व्यक्ति सर्वगुण संपन्न बनना चाहता है और घर-परिवार, समाज में वर्चस्व बनाना चाहता है, सम्मान पाना चाहता है उसे सोने से पहले
इस पंक्ति का जप करना चाहिए...
अष्ट-सिद्धि
नवनिधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।
पंक्ति के अनुसार श्री हनुमानजी अष्ट सिद्धियां और नौ
निधियों के दाता है। जो कि उन्हें माता सीता ने प्रदान की है। जिन लोगों के पास ये
सिद्धियां और निधियां आ जाती हैं वे समाज में और घर-परिवार में मान-सम्मान, प्रसिद्धि
पाते है..
जय जय सियाराम
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