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Sunday, January 17, 2021

गुरु हमेशा संग रहते है

🌹 *गुरु हमेशा अंग संग रहते है....* 🌹

             *एक बार स्वामी विवेकानंद जी किसी स्थान पर प्रवचन दे रहे थे । श्रोताओ के बीच एक मंजा हुआ चित्रकार भी बैठा था । उसे* *व्याख्यान देते स्वामी जी अत्यंत ओजस्वी लगे । इतने कि वह अपनी डायरी के एक पृष्ठ पर उनका रेखाचित्र बनाने लगा ।* 
              *प्रवचन समाप्त होते ही उसने वह चित्र स्वामी विवेकानंद जी को दिखाया । चित्र देखते ही, स्वामी जी हतप्रभ रह गए । और उस चित्रकार से पूछ बैठे - "यह मंच पर ठीक मेरे सिर के पीछे तुमने जो चेहरा बनाया है, जानते हो यह किसका चित्र है ?* 
           *चित्रकार बोला - "नहीं तो पर पूरे व्याख्यान के दौरान मुझे यह चेहरा ठीक आपके पीछे झिलमिलाता दिखाई देता रहा । मैं नही जानता यह कौन है ?"* 
            *यह सुनते ही विवेकानंद जी भावुक हो उठे और रुंधे कंठ से बोले - "धन्य है तुम्हारी आँखे ! तुमने आज साक्षात मेरे गुरुदेव श्री रामकृष्ण परमहंस जी के दर्शन किए । यह चेहरा मेरे गुरुदेव का ही है, जो हमेशा दिव्य रूप में, हर प्रवचन में, मेरे अंग संग रहते है ।"* 
           *प्रवचन में मैं नहीं बोलता, ये ही बोलते है । मेरी क्या हस्ती, जो कुछ कह-सुना पाऊं । वैसे भी देखो ना, माइक हमेशा आगे होता है और मुख पीछे होता है । ठीक यही अलौकिक दृश्य इस चित्र में है । मैं आगे हूँ और वास्तविक वक्ता मेरे गुरुदेव पीछे है !"* 
          *गुरु शिष्यों में युगों युगों से यही रहस्यमयी लीला होती आ रही है । अपने गुरु पर पूर्ण विश्वास रखे क्योंकि वह सदैव हमारे साथ रहते हैं ।* 
 🙏🙏🙏🙏    जय गुरुदेव         🙏🏻 🙏🏻🙏🙏

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