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Thursday, August 20, 2020

श्री हरितालिका तीज पूजन आरती

 *श्रीहरतालिका तीज पूजन आरती*

ध्यान 

*ॐ मंदारमालाकुलितायकायै कपालमालांकितशेखराय ।*

*दिव्याम्बरायै च दिगम्बरायै नमः शिवायै च नमः शिवायै ।।*

श्रीपार्वती आवाहन 

*ॐआगच्छ देवि सर्वेशे सर्वदेवैश्च संस्तुते ।*

*अतस्त्वां पूजयिष्यामि प्रसन्ना भव पार्वति ।।*

श्रीपार्वती स्थापना 

*ॐउमायै पार्वत्यै शांति रूपिण्यै शिवायै ब्रह्मरूपिण्यै नमः ।*

श्रीशिव स्थापना 

*ॐहराय महेश्वर शम्भवै शूलपाणयै ।*

*पिनाकवृषे शिवाय पशुपतये महादेवाय  नमः ।।*

 श्रीशिव की बालू रेत की मूर्ति श्रीगौरी की षोडशोपचार पूजन अभिषेक प्रदोष सायंकाल में करें ।

*श्रीपार्वती की आरती*

ॐजय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता ।

ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता ।।

अति कुल पद्म निवासी, निज सेवक त्राता। जग जीवन जगदंबा, हरि गुण को गाता ।।

सिंहन वाहन साजै, लुकड़ रहे साथा ।

देव वधू जहँ गावत, निरत करत साथा ।।

सतयुग रुप शील अति सुंदर, नाम सती कहलाता ।

हिमाचल घर जन्मी, सखियन संग राता ।।

शुम्भ निशुम्भ विदारै,   हेमाचल स्थाता ।

सहस भुजा तनु धर के, चक्र लिया हाथा ।। 

सृष्टि रुप तू ही जननी, शिव संग रंग राता  

नंदी भृंगी वीन वही, परयो मद माता ।।

देवी अजर करत हम, वन चित्त कूं लाता ।

गावत दे दे ताली, मन में रंग छाता ।। 

श्रीपार्वती मैया की आरती, जो कोई नर गाता ।

स्वर्ग सुखी नित रहना, सुख संपत्ति पाता ।।

*श्रीहरतालिका तीज रात्रि जागरण*

प्रदोष सायंकाल से सूर्योदय तक जागरण करने से श्रीगौरी का आशीर्वाद मिलता है ।

प्रथम प्रहर प्रदोष सायंकाल में नाम ले-

*ॐ श्री भव शर्व रुद्र पशुपति उग्र महान भीम ॐ ह्रीं ईशानाय नमः ।*

आरती करे।

दूसरा प्रहर रात्रि 9 बजे नाम ले- 

*ॐ ह्रीं अघोराय नमः ।*

आरती करे।

तीसरा प्रहर निशीथ वेला रात्रि 12 बजे नाम ले-

*ॐ ह्रीं वामदेवाय नमः ।*

आरती करे।

चौथा प्रहर रात्रि 4 से 5 बजे तक में नाम ले- 

*ॐ ह्रीं सद्योजाताय नमः ।*

आरती करे ।

उषाकाल श्रीसूर्योदय से पहले नदी कुंआ तालाब आदि जलाशय में जाकर बालूरेत की मूर्ति आदि विसर्जित करने के पहले पूजन आरती कर विसर्जित कर घर आवे ।

श्रीहरतालिका तीज का व्रत करने से कुँवारी कन्याओं  को वर की प्राप्ति एवं विवाहित महिलाओं  को अखण्ड सौभाग्यवती होती हैं श्रीहरतालिका तीज पूजन प्रदोष काल सायं में करें केल पत्तों का मंडप बना रेशमी वस्त्र की झाँकी बनावे श्रीपार्वती को अर्पित सिंदूर से सुहागन अपना सुहाग श्रीपार्वती से ले। खीरा अथवा सादी ककड़ी का नैवेद्य लगा उस ककड़ी से अगले दिन पारण करे  श्रीशिवपार्वती को पंचामृत स्नान करावे श्रीशिव को भंग धतूरा फल फूल सफेद आँकड़ा फूल बिल्वपत्र अन्य पत्ते भी अर्पित करे। श्रीपार्वती को सुहाग की वस्तएँ अर्पित करें । श्रीहरतालिका तीज का व्रत अगले दिन अर्थात् चौथ को ही पारण करें ।

*जय हो श्रीउमागौरी*


           

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