विज्ञान के लिए बहुत बड़ी चुनौती है प्रह्लाद जानी
लगभग 80 सालो से बिना अन्न और जल के जिंदा है प्रह्लाद जानी
जब DRDO और आर्मी के डॉक्टर को इनके बारे में मालूम हुआ तो उन्होंने इन्हें 30 दिन तक एक कमरे में बंद रखा तथा कमरे में कैमरे लगाकर रखे। वैज्ञानिक और डॉक्टर हैरान थे कि प्रह्लाद जानी ने 30 दिन तक कुछ नही खाया-पिया।
फिर इनके खून की जांच की गयी तो उसमें भी हीमोग्लोबिन सामान्य मिला।
अब तक देश-विदेश के कई डॉक्टर इन पर शोध कर चुके है मगर किसी को कुछ हासिल नही हुआ।
प्रह्लाद जानी के अनुसार ये भगवान श्रीनाथ(कृष्ण) की पूजा बचपन मे करते थे। जब ये 9 साल के थे तब एक दिन पूजा में इन्हें माँ काली ने दर्शन दिए थे और वरदान मांगने को कहा था। तब इन्होंने भूंख प्यास से मुक्ति मांगी थी।। भगवती ने इनके तालु में उंगली रख दी थी तब से लेकर आजतक इनकी तालु से अमृत गिरता है और उन्हें भूंख प्यास नही लगती।
गुजरात के काठियावाडा में रहने वाले प्रह्लाद जानी पर नास्तिक और आर्य समाजी भी खामोश है। अम्बेडकवादी भी चुप्पी साधे बैठे है।। मगर डॉक्टर और वैज्ञानिकों ने प्रह्लाद जानी के दावे पर कई बार मोहर लगाते हुए उसे चमत्कार घोषित किया है।
चमत्कार तो हर युग मे होते है। मगर वर्तमान उन्हें उपेक्षित करता है और भविष्य उन्हें अंधविश्वास कहता है।
लगभग 80 सालो से बिना अन्न और जल के जिंदा है प्रह्लाद जानी
जब DRDO और आर्मी के डॉक्टर को इनके बारे में मालूम हुआ तो उन्होंने इन्हें 30 दिन तक एक कमरे में बंद रखा तथा कमरे में कैमरे लगाकर रखे। वैज्ञानिक और डॉक्टर हैरान थे कि प्रह्लाद जानी ने 30 दिन तक कुछ नही खाया-पिया।
फिर इनके खून की जांच की गयी तो उसमें भी हीमोग्लोबिन सामान्य मिला।
अब तक देश-विदेश के कई डॉक्टर इन पर शोध कर चुके है मगर किसी को कुछ हासिल नही हुआ।
प्रह्लाद जानी के अनुसार ये भगवान श्रीनाथ(कृष्ण) की पूजा बचपन मे करते थे। जब ये 9 साल के थे तब एक दिन पूजा में इन्हें माँ काली ने दर्शन दिए थे और वरदान मांगने को कहा था। तब इन्होंने भूंख प्यास से मुक्ति मांगी थी।। भगवती ने इनके तालु में उंगली रख दी थी तब से लेकर आजतक इनकी तालु से अमृत गिरता है और उन्हें भूंख प्यास नही लगती।
गुजरात के काठियावाडा में रहने वाले प्रह्लाद जानी पर नास्तिक और आर्य समाजी भी खामोश है। अम्बेडकवादी भी चुप्पी साधे बैठे है।। मगर डॉक्टर और वैज्ञानिकों ने प्रह्लाद जानी के दावे पर कई बार मोहर लगाते हुए उसे चमत्कार घोषित किया है।
चमत्कार तो हर युग मे होते है। मगर वर्तमान उन्हें उपेक्षित करता है और भविष्य उन्हें अंधविश्वास कहता है।
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