*राम नाम की महिमा*
चित्रकूट सब दिन बसत प्रभु सिय लखन समेत ।
राम नाम जप जापकहि तुलसी अभिमत देव।।
पय अहार फल खाई जपु राम नाम षट मास ।
सकल सुमंगल सिद्धि सब करतल तुलसीदास।।
राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरी द्वार ।
तुलसी भीतर बाहरेहु जौ चाहसि उजिआर ।।
भावार्थ :- श्री सीताजी और श्री लक्ष्मण जी सहित प्रभु श्री राम जी चित्रकूट में सदा निवास करते है । तुलसीदास जी कहते है कि वे प्रभु राम नाम का जप करने वाले को इच्छित फल देते है ।6 महीने तक केवल दूध का सेवन करके अथवा फल खाकर केवल राम नाम का जप करो ।
तुलसीदास जी कहते है कि ऐसा करने से सब प्रकार के सुमंगल और सब प्रकार की सिद्धियां करतल हो जाएंगी अर्थात अपने आप मिल जाएंगी । तुलसीदास जी कहते है कि यदि तू भीतर और बाहर दोनो ओर प्रकाश(लौकिक और पारमार्थिक ज्ञान ) चाहता है तो मुखरूपी दरवाजे की देहलीज पर रामनामरूपी (हवा के झोंके अथवा तेल की कमी से कभी न बुझने वाला नित्य प्रकाशमय) मणिदीप रख दो (अर्थात जीभ के द्वारा अखंड रूप से राम नाम का जप करता रह )
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